प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मई 2023 को नए संसद भवन का उद्घाटन किया और एक ऐतिहासिक घड़ी को इतिहास के पन्नों में दर्ज किया। नया संसद भवन (न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग), सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास प्रोजेक्ट (Central Vista Project) का एक हिस्सा है, जो भारत की केंद्र सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का उद्देश्य बेहतर सार्वजनिक और सामाजिक सुविधाएं प्रदान करना है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने 28 मई 2023 को संबोधित करते हुए बताया कि नए संसद भवन में महाराष्ट्र की लकड़ी और राजस्थान का पत्थर सहित देश भर से विभिन्न अनोखी चीज़ों का इस्तेमाल हुआ है। जानिए किस राज्य से क्या-क्या चीजों का इस्तेमाल हुआ है नए संसद भवन में।
- महाराष्ट्र के नागपुर से सागौन की लकड़ी आई।
- राजस्थान के सरमथुरा से सफेद और लाल बलुआ पत्थर आया।
- मध्य प्रदेश के इंदौर से अशोक चक्र को लाया गया।
- उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से कालीन मंगवाया गया।
- गुजरात के अहमदाबाद से पीतल आया है।
- त्रिपुरा के अगरतला से बांस के फर्श मंगवाए गए हैं।
- हरियाणा से फ्लाई ऐश ईंटें लाई गई।
- दमन और द्वीप से वो मटेरियल लाया गया जिसका उपयोग लोकसभा और राज्यसभा चैम्बर की फॉल्स सीलिंग में किया गया।
नए संसद भवन में कहां स्थापित हुआ सेंगोल ?
दरअसल, सेंगोल को 14 अगस्त 1947 में पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू जी ने तमिलनाडु के अधिनियम द्वारा स्वीकार किया था, जानकारों की मानें तो ब्रिटिश सरकार ने नेहरू जी को सेंगोल सौंपा था, जिसका इस्तेमाल सत्ता हस्तांतरण के लिए किया गया था, जो अभी तक इलाहाबाद के एक संग्रहालय में थी और अब नए संसद भवन में सेंगोल की स्थापना लोकसभा स्पीकर के आसन के पास 28 मई 2023 को पीएम मोदी द्वारा की गई है।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 10 दिसंबर, 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी गई थी और अब नए संसद भवन का उद्धघाटन भी हो चुका है। तो आइये भव्य भवन से जुड़ी खास बातों और अन्य तथ्यों के बारे में हम आपको बताते हैं।
नए संसद भवन की खास बातें
- नया संसद भवन 4 मंज़िल का है।
- नए संसद भवन में 3 दरवाज़े हैं, पहला ज्ञान द्वार, दूसरा शक्ति द्वार और तीसरा कर्म द्वार।
- सांसदों और वीआईपीयों के लिए अलग एंट्री है।
- यह भवन भूकंप रोधक है, इस पर भूकंप का असर नहीं होगा।
- सुरक्षा का खास इंतज़ाम किया गया है, सांसदों सहित सभी की एंट्री के लिए बायोमेट्रिक पास का उपयोग किया जायेगा यानि कि आपकी उँगलियों और आँखों की पहचान के आधार पर संसद भवन में प्रवेश मिलेगा।
- नए संसद भवन में मिनिस्टर्स लाउंज, सांसदों के लिए लाउंज, वीआईपी लाउंज और मीडिया लाउंज भी होगा।
- नए संसद भवन में एक और खास चीज़ होगी, जोकि देश का मूल संविधान है जो अभी संसद की पुरानी बिल्डिंग में है उसे नई बिल्डिंग में रखा जायगा।
- नए संसद भवन में संविधान हॉल होगा।
- सांसद, फूड एप्प के माध्यम से कैंटीन से खाना मंगवा सकते हैं।
नए संसद भवन में सुविधाएं

नया संसद भवन बना है इसका मतलब यह नहीं कि पुरानी संसद का कोई मूल्य नहीं, नई और पुरानी संसद एक साथ काम करेगी और संसद के सुचारु कामकाज की सराहना की जाएगी और पुरानी संसद का उपयोग राजनीतिक कार्यक्रमों में किया जायेगा। बात करें नए संसद की सुविधाओं की तो,
- इसमें खुले आंगन के पूरक के लिए एक नया केंद्रीय लाउंज बनाया गया है और इसका उपयोग सदस्यों का एक-दूसरे के साथ बातचीत करने के लिए किया जाएगा।
- नई संसद की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि यह दिव्यांगों के लिए अनुकूल है। संसद भवन में दिव्यांगजन आसानी से आ-जा सकेंगे।
- नए संसद भवन में विशाल विधायक मंडल होंगे।
- 888 सीटों की क्षमता वाला लोकसभा हॉल है।
- 384 सीटों की क्षमता वाला राज्यसभा हॉल है।
- लोकसभा हॉल में संयुक्त सत्र के लिए 1272 सीटें होंगी।
- नए संसद भवन (New Parliament Building) में अच्छी तरह से सुसज्जित ऑडियो सिस्टम और संसद भवन पुस्तकालय के साथ बड़े समिति कक्ष होंगे।
- न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग सस्टेनेबिलिटी और ग्रीन एनर्जी पर चलेगी।
- अंतिम लेकिन महत्वपूर्ण बात, नया संसद भवन आधुनिक भारत की विविधता को प्रतिबिंबित करेगा।
नए संसद भवन की आवश्यकता क्यों ?
पुराना संसद भवन 1927 में बनकर पूरा हुआ था, इस हिसाब से इसको लगभग 100 साल हो चुके हैं। लोकसभा सचिवालय की माने तो पुरानी बिल्डिंग में बढ़ती ज़रूरतों के अनुसार उपयुक्त नहीं थी, पुरानी बिल्डिंग में कम जगह होने के कारण सांसदों को बैठने में दिक्कत तो थी ही, इसके साथ नई तकनीकों और आधुनिक सुविधाओं का भी अभाव था। इसलिए नए संसद भवन की आवश्यकता के कई कारण थे, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह था कि –
- पुराने संसद भवन में पर्याप्त सीटें नहीं थीं और बैठने की जगह ना होने के कारण भीड़ हो जाती थी।
- दूसरी पंक्ति के आगे कोई वर्कस्टेशन नहीं था।
- सेंट्रल हॉल में सिर्फ 440 सीटें उपलब्ध हैं।
- और संयुक्त सत्र के दौरान सीटों की कमी का मामला और भी गंभीर हो जाता है।
चूंकि पुराने संसद भवन का निर्माण औपनिवेशिक युग के दौरान किया गया था, और भवन के मूल डिज़ाइन का कोई रिकॉर्ड या दस्तावेज़ नहीं है। इसलिए, नए निर्माण और संशोधन संभव नहीं थे।
नए संसद भवन और पुराने संसद भवन में अंतर
पुराना संसद भवन | नया संसद भवन |
47,500 वर्गमीटर में बना | 64,500 वर्गमीटर में बना |
लोकसभा में 550 सीटें | लोक सभा में 888 सीटें |
राज्यसभा में 250 सीटें | राज्यसभा में 384 सीटें |
पुराने संसद भवन में सेंट्रल हॉल | नए संसद भवन में कमेटी हॉल |
80 लाख रूपए में बना | 862 करोड़ रूपए में बना |
नए संसद भवन की लागत
न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग (New Parliament Building), सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) का एक हिस्सा है और पूरे प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 20,000 करोड़ रुपये है, लेकिन केंद्र सरकार के अनुसार यह केवल एक अनुमानित आंकड़ा है।
न्यू संसद भवन की बोली गई लागत 862 करोड़ रुपये थी, लेकिन स्टील, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य कार्यों में अधिक खर्च होने के कारण अब यह लागत 1200 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है।
नए संसद भवन का क्षेत्रफल

नया तिकोने आकार का संसद भवन पुराने संसद भवन की तुलना में अधिक विशाल है। नया संसद भवन लगभग 65,000 वर्ग मीटर के विशाल क्षेत्र में बना है। जबकि मौजूदा संसद भवन 47,500 वर्गमीटर में बना हुआ है।
कहाँ स्थित है नया संसद भवन ?
आपको बता दें कि, किसी भी देश की संसद उस देश की लोकतांत्रिक भावना का प्रतीक होती है और भारतीय संसद भवन हमारी लोकतांत्रिक भावना का प्रतीक है। नया संसद भवन, पुराने संसद भवन के पास ही कनॉट प्लेस, नई दिल्ली में बनाया गया है और भारत का पुराना संसद भवन J685 V7V, संसद मार्ग, गोकुल नगर, जनपथ, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली में स्थित है।
नए संसद भवन के निर्माण का कंपनी विवरण
टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने नए संसद भवन के निर्माण के लिए 861.9 करोड़ रुपये की बोली को जीत कर निर्माण कार्य शुरू किया, इतना ही नहीं कंपनी ने प्रोजेक्ट को निर्धारित समय पर पूरा किया है, हालांकि निर्माण कार्य को पूरा होते होते इस प्रोजेक्ट में 1200 करोड़ रुपये से ज्यादा रूपए खर्च हो गए हैं।
आपको बता दें कि नए संसद भवन के निर्माण कार्य में लगभग 1000 लोगों ने 8-8 घंटे की तीन शिफ्ट में 24 घंटे काम किया था और इस भव्य बिल्डिंग को 28 महीनों में बनाकर तैयार कर दिया।
न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग (New Parliament Building) के निर्माण के टेंडर के लिए कई कंपनियों ने बोली लगाई लेकिन टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने इस टेंडर को जीत लिया। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की बोली गई लागत L&T कंपनी से सिर्फ 3.1 करोड़ रुपये कम थी। L&T कंपनी की बोली लागत 865 करोड़ रूपए थी।
नया संसद भवन -FAQs
उत्तर – नए संसद भवन का उद्धघाटन 28 मई 2023 को हुआ।
उत्तर – नए संसद भवन का उद्धघाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने किया।
उत्तर – नए संसद भवन में लोक सभा के लिए 888 सीटें हैं।
उत्तर – नए संसद भवन में राज्य सभा के लिए 384 सीटें हैं।
उत्तर – नया संसद भवन लगभग 65,000 वर्ग मीटर के विशाल क्षेत्र में बनाया गया है।
उत्तर – नए संसद भवन के निर्माण का टेंडर टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड कंपनी को मिला।
उत्तर – नए संसद भवन की बोली गई लागत 862 करोड़ रुपये थी। लेकिन अब यह लागत 1200 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है।
उत्तर – 10 दिसंबर, 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी गई थी।
उत्तर – नए संसद भवन की आधारशिला भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा रखी गई थी।
उत्तर – नया संसद भवन, पुराने संसद भवन के पास ही कनॉट प्लेस, नई दिल्ली में बनाया गया है।