भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज दोपहर ढाई बजे के बाद चंद्रयान 3 को लॉन्च व्हीकल मार्क-3 या कहें एलवीएम 3 से लॉन्च करने वाले हैं।आइए जानते हैं इसकी खूबियां व उद्धेश्य।
Chandrayaan-3
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आपको बता दें भारत उन शक्तिशाली देशों में से एक है जो इस तरह के महंगे मिशन को अंजाम दे चुके हैं। इस बार देश का यह तीसरा चंद्र मिशन है जिसकी लागत रु. 615 करोड़ बताई जा रही है।
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अमेरिका, चीन व रुस इससे पहले चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करा चुके हैं जबकि 4 साल पहले भारत का दूसरा मिशन अंतिम क्षणों में नाकामयाब रहा था।
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चंद्र मिशन का उद्देश्य होता है कि चंद्रमा की सतह पर भलिभांति सुरक्षित लैंडिंग कर वहां की अहम जानकारी जुटाकर पृथ्वी तक पहुंचाना, आशा है इस बार लैंडिंग सकुशल हो।
Chandrayaan-3 Goal
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चंद्रयान-2 मिशन के वक्त जो खामियां थी उन पर वैज्ञानिकों ने स्टडी की है, बेहतर उपकरण व इनकी कार्यशैली तैयार की है। सब ठीक रहा तो 14 जुलाई को उड़ान भर रहे चंद्रयान 3, 23-24 अगस्त तक सुरक्षित लैंड कर जाएगा।
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भारत का बाहुबली रॉकेट इसे चंद्रमा के उन हिस्सों तक पहुंचाएगा जिन्हें ‘डार्क साइड ऑफ मून’ भी कहा जाता है। 3921 किलोग्राम का चंद्रयान लगभग 400,000 KM की दूरी तय करेगा।
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रॉकेट एलवीएम 3 की बहुत सी खूबियां हैं, इसका वजन 642 टन बताया जा रहा है, समझने के तौर पर कह सकते हैं कि 130 एशियाई हाथियों के वजन के बराबर। जबकि उंचाई 43.5 मीटर है।
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45 से 50 दिन की यात्रा के बाद चंद्रयान की लैंडिंग चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास होगी। इससे चंद्रमा की सतह की संरचना, भूवैज्ञानिक विशेषता, अज्ञात क्षेत्र की संरचना आदि के बारे में पता चलेगा।
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इच्छुक लोग चंद्रयान 3 लॉन्चिंग की लाइव स्ट्रीमिंग भी देख सकते हैं। इसके लिए उन्हें ISRO का ऑफिशियल YouTube चैनल पर जाना होगा।
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