यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर लॉ ऑफ कमीशन ने धार्मिक संगठनों व आम नागरिकों से सुझाव मांगा है, 14 जुलाई तक आप भी अपना पक्ष साझा कर सकते हैं। आसान भाषा में समझते हैं , क्या है समान नागरिक संहिता या यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC)

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जो भी संगठन या व्यक्ति अपने सुझाव देना चाहते हैं वह ईमेल आईडी membersecretary-lci@gov.in पर अपनी राय भेज सकते हैं।

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(Uniform Civil Code) का मतलब यह है कि भारत में रहने वाले सभी धार्मिक और आदिवासी समुदाय के लिए एक ही क़ानून सुनिश्चित किया जाए या कहें सभी जाति, धर्म और समुदाय को एक तराजू में तोला जाए।

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विवाह, तलाक, जमीन, रखरखाव और गोद लेना आदि के लिए एक समान कानून हो, इसका मतलब यह कि धर्म के नाम पर किसी भी भारतीय नागरिक को कोई विशेष लाभ नहीं दिया जाए।

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यूनिफॉर्म सिविल कोड के तहत निम्न मुद्दों का निवारण एक समान ढंग से होगा 1– विवाह 2– तलाक 3– जमीन, जायदाद 4– रखरखाव 5– बच्चे को गोद लेना 6– संपत्ति का बंटवारा 7– सभी व्यक्तिगत मामले

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सभी धर्मों के अलग-अलग कानून होने पर न्यायपालिका पर ज्यादा बोझ पड़ता है और यूनिफार्म सिविल कोड के आने से इस समस्या से राहत मिलेगी, कानून व्यवस्था में स्पष्टता और सरलता आएगी।

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अंदाजा ये भी लगाया जा रहा है, यूसीसी लागू होने के बाद देश के लोगों में एकता बढ़ेगी, पुरुष और महिला को समाज में समान अधिकार होगा, देशहित में इसे सकारात्मक व विकाशशील पहलू बताया जा रहा है।

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संविधान में अनुच्छेद 44 के भाग 4 में यूनिफॉर्म सिविल कोड का उल्लेख किया गया है। वहीं भारत का एक ऐसा राज्य भी है जहां यह लागू है, गोवा में समान नागरिक संहिता लागू है।

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किन देशों में लागू है यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड 1– अमेरिका 2– आयरलैंड 3– इंडोनेशिया 4– मलेशिया 5– इजिप्ट 6– पाकिस्तान 7– सूडान 8– तुर्की 9– बांग्लादेश

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